डेंगू बुखार का उपचार
सामान्य बीमारियों के उपचार आमतौर पर घर पर ही मिल जाते हैं। बीमारी न हो, इसके लिए सावधानी केवल इतनी रखनी होती है कि घर के आसपास साफ-सफाई रहे और पेयजल भी शुद्ध हो।
डेंगू एक तीव्र संक्रामक ज्वर है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक रूप से फैला हुआ है। मच्छर के काटने से होने वाला यह रोग साधारण 7 दिवसीय/मध्यकालिक उपचार युक्त अवस्था से लेकर जानलेवा रक्तस्राव के साथ मरीज को मरणासन्न अवस्था तक पहुँचा सकता है।
* इसे दंडक बुखार के नाम से भारत के पूर्व वैद्य वैज्ञानिक सुश्रुत के काल से ही पहचाना गया है।
* डेंगू बुखार एक विशिष्ट मच्छर एडीज (टाइगर मच्छर) द्वारा मुख्यतः दिन के समय काटने से वाइरस द्वारा होने वाला रोग है।
* लक्षण : जाड़ा (ठंड) लगने के साथ तेज बुखार, हाथ-पैर-जोड़ों में असहनीय दर्द एवं वेदना, भूख का ह्रास, अत्यधिक कमजोरी, वमन, अनिद्रा, अवसाद आदि।
* गंभीर रोगावस्था में रोग में रक्तस्राव भी हो सकता है, क्योंकि दंडक बुखार में शरीर में उपस्थित प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घट जाती है, जो रक्तस्राव कर सकती है। ऐसी स्थिति में यह रोग जीवन के लिए घातक एवं मारक हो सकता है, यदि समुचित उपचार न लिया जाए।
उपचार : औषधीय, चिकित्सक की सलाह पर रोग लक्षण तीव्र होने पर चिकित्सालय में भर्ती होकर खून की संपूर्ण जाँच।
रोकथाम : मच्छरविहीन वातावरण का निर्माण।
* निवास/ कार्यालय के आसपास रुका हुआ पानी जमा न होने दें, जहाँ इन मच्छर के अंडे पनपते हैं।
* घर के कूलर, टायर, पुराने खराब डब्बे/ बर्तन में पानी न जमा होने दें एवं उन्हें उल्टा कर रखें।
* रात्रि में मच्छरदानी का प्रयोग करें।
* संभव हो तो खिड़की पर वेलक्रो-नेटलॉन प्लास्टिक जाली लगवाएँ।
*घर के दरवाजे पर लकड़ी की मच्छर जाली का द्वार लगाएँ।
* घर और ऑफिस का 6 माह में एक बार कीटनाशक से उपचार कराएँ।
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