Wednesday, August 19, 2009

कमर दर्द निवारण : 'पिन होल' सर्जरी

कमर दर्द निवारण : 'पिन होल' सर्जरी


आज की आधुनिक जीवनशैली के कारण लोगों में कमर दर्द की शिकायत आम हो चली है। पहले समय में कमर दर्द का दर्दनाशक दवाओं व बेडरेस्ट के अलावा कोई कारगर इलाज नहीं था लेकिन अब पिन होल सर्जरी जैसी नई चिकित्सा सुविधा भी हमारे देश में उपलब्ध हो गई है।

आखिर कमर दर्द है क्या? इसके उत्तर में मुंबई स्थित पी.डी. हिंदुजा नेशनल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर और ऑर्थोपेडिक्स एवं ट्रॉमेटोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. संजय अग्रवाल बताते हैं कि रीढ़ की हड्डी में प्रत्येक दो बर्टिब्रा के बीच में एक डिस्क होती है, जो कि एक शॉक-अब्जार्बर का कार्य करती है। घिस जाने पर यह डिस्क बड़ी होकर बाहर निकल आती है और इस कारण से कमर के निचले हिस्से में भयंकर दर्द होता है। यह दर्द दोनों पैरों में भी जा सकता है।

आजकल अधिकतर युवाओं में डिस्क कमर दर्द की शिकायत एक आम बात हो गई है। डिस्क (कमर) दर्द का मुख्य कारण अनियमित दिनचर्या है। डिस्क (कमर) दर्द आगे झुकने से, वजन उठाने से, झटका लगने से, गलत तरीके से उठने-बैठने व सोने से, व्यायामके अभाव से एवं पेट आगे निकलने के कारण भी हो सकता है।

दरअसल मानव की रीढ़ की बनावट साइकल की चेन के समान लचीली होती है, न कि लाठी की तरह सीधी। यही कारण है कि मानव को आगे-पीछे, दाएँ-बाएँ झुकना संभव हो पाता है। रीढ़ (स्पाइन) पूरे शरीर में 33 खंडों में बँटी होती है। प्रत्येक खंड को बर्टिब्रा (मेरूदंड) कहते हैं। प्रति दो खंडों के बीच एक डिस्क होती है, जो दो बर्टिब्रा को हुक की तरह जोड़कर रखती है। रीढ़ के पीछे स्पाइनल केनाल होता है, जिसके भीतर से नसें मस्तिष्क से पैर की ओर गुजरती हैं। स्पाइन का वजन काफी कम होता है। पूरे स्थल के बीच डिस्क बहुतही व्यवस्थित ढंग से फिट रहती है और डिस्क बर्टिब्रा पर अंकुश कायम रखती है। किसी असावधानी से बर्टिब्रा आगे की दिशा यानी पेट की तरफ या पीछे की दिशा (पीठ की तरफ) खिसक सकती है। इसमें जब डिस्क पीठ की तरफ खिसकती है तो वह मरीज के लिए बहुत घातक होता है।

उपचार
इस कमर दर्द का आज की तारीख में सबसे बेहतर इलाज है पिन होल सर्जरी। डॉ. अग्रवाल के अनुसार पहले मरीज को हफ्तों अस्पताल में रहना पड़ता था और महीनों आराम की सलाह दी जाती थी, लेकिन नई उपलब्धियों के कारण अब डिस्क (कमर) दर्द का इलाज लेसर डिस्केटॉमी द्वारा सफलतापूर्वक किया जा सकता है। इस प्रक्रिया द्वारा अमेरिका और इंग्लैंड में डिस्क (कमर) दर्द का इलाज पिछले 4-5 वर्षों से किया जा रहा है। इस तकनीक द्वारा उन रोगियों का इलाज भी सफलतापूर्वक किया जा सकता है, जिन्हें सामान्य इलाज से कोई राहत नहीं मिलती। इस प्रक्रिया का कोई हानिकारक असर भी नहीं है।

सबसे बड़ी बात है कि यह पूरा ऑपरेशन केवल 15 मिनट में खत्म हो जाता है तथा उसी समय मरीज ऑपरेशन टेबल से उठकर अपने पैरों के बल ऑपरेशन रूम से बाहर आता है और अगले दिन अपने काम पर वापस लौट जाता है। यह ऑपरेशन जितनी जल्दी करा लिया जाए परिणाम उतना ही अच्छा होता है।

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