Wednesday, August 19, 2009

जरूरी है- स्वास्थ्य सुरक्षा में निवेश

जरूरी है- स्वास्थ्य सुरक्षा में निवेश

पूरे विश्व में बेहतर स्वास्थ्य के लिए रोकथाम, जाँच, निदान, उपचार आदि अनेक उपाय अपनाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं में लगने वाले खर्च और समय को कम करने और आगामी बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि अपने स्वास्थ्य के प्रति हम जागरूक हों व समय-समय पर हेल्थ चेकअप द्वारा स्वस्थ भविष्य के लिए निवेश करते रहें। यूँ तो स्वास्थ्य सुरक्षा के विविध आयाम हैं पर भारत जैसे विकासशील देशों में 'स्त्रियों' की स्वास्थ्य सुरक्षा की स्थिति शोचनीय है। स्त्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा में किया गया अल्प निवेश भी आगे आने वाली बहुत-सी समस्याओं को रोकने में सक्षम है, अगर कुछ बातों को नियमित अमल में लाया जाए तो।

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किशोरावस्था में नियमित खून की जाँच द्वारा एनीमिया (रक्ताल्पता) को दूर किया जाए। एनीमिया स्त्री स्वास्थ्य का दुश्मन नं. 1 है और अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का जन्मदाता है। खून की मामूली जाँचें जैसे हिमोग्लोबीन स्तर और ब्लड ग्रुप की जानकारी से रोकथाम की जागरूकता लाई जा सकती है। अधिकांश परिवारों में संतुलित आहार नहीं लिया जाता है। अतः कम खर्च में पौष्टिक आहार, आयरन रिच भोजन कैसे बनाएँ, यह सिखाना आवश्यक है।

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गर्भावस्था में नियमित जाँच व अधिक से अधिक स्त्रियों को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाए।

* ब्रेस्ट कैंसर स्त्रियों में एक खतरनाक स्वास्थ्य समस्या बनकर उभर रहा है। अगर स्तन कैंसर को प्रारंभिक अवस्था में ही पकड़ लिया जाए तो बीमारी जड़ से खत्म की जा सकती है। स्तन कैंसर का इलाज और कोई भी अन्य कैंसर का इलाज महँगा व कष्टप्रद होता है, साथ ही देर सेपकड़ में आने से कम उम्र में ही मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है। अतः इसका ध्यान रखा जाए। सेल्फ ब्रेस्ट एक्जामिनेशन (अपने हाथों से स्तन की पूरी जाँच) प्रतिमाह करना प्रत्येक स्त्री को आना चाहिए। किसी भी प्रकार की गठान, कड़कपन, सूजन, स्राव होने की दशा में तुरंत अपने डॉक्टर से जाँच करवाएँ।

35 वर्ष की उम्र के पश्चात मैमोग्राफी (स्तन का विशेष प्रकार से एक्स-रे) प्रतिवर्ष अवश्य करवाना चाहिए या फिर फाइन नीडल बायोप्सी करवाएँ। कम खर्च में होने वाली यह जाँच बहुत ही प्रारंभिक अवस्था में स्तन कैंसर को पकड़ सकती है और एक छोटे ऑपरेशन के द्वारा हीकैंसर पूरी तरह हटाया जा सकता है।

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गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) कैंसर व अंडाशय (ओव्हरी) का कैंसर अन्य प्रमुख व घातक कैंसर हैं। पेप स्मीयर जाँच में सामान्य अंदरूनी जाँच के समय ही एक काँच की पट्टी पर सर्विक्स से टिश्यू लेकर जाँच की जाती है। मात्र 100-150 रुपए में होने वाली यह जाँच कैंसर के प्रकट रूप मेंआने के 10 वर्ष पूर्व ही सर्विक्स में होने वाले परिवर्तन को पकड़कर खराबी बता सकती है। प्रतिवर्ष प्रत्येक स्त्री को यह जाँच अवश्य करवाना चाहिए। सोनोग्राफी और कैंसर मार्कर के द्वारा जननांगों के अन्य कैंसर भी पकड़े जा सकते हैं।


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मीनोपॉज (माहवारी बंद होने के पश्चात) का समय अपने साथ कई परिवर्तन लेकर आता है। ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का घनत्व कम होना) प्रौढ़ावस्था व वृद्धावस्था की दुःखदाई समस्या है। जवानी से ही व्यायाम, आहार में कैल्शियम, विटामिन डी-3 के प्रयोग व बीएमडी जाँचद्वारा हड्डियों की मजबूती बनाई रखी जा सकती है। रीढ़ की हड्डी, कूल्हे का फ्रैक्चर व जरा सी चोट में हड्डी टूट जाने जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।

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आसान और कम खर्चीली नियमित जाँचों के द्वारा ब्लडप्रेशर, मधुमेह, दिल की बीमारियों, जोड़ों की तकलीफ, गुर्दों की बीमारियों को काबू में रखा जा सकता है।

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इसके अलावा सफाई, परिवार नियोजन, सुरक्षित यौन संबंध, तंबाकू इत्यादि व्यसनों से परहेज, संतुलित भोजन जैसे विषयों के लिए निरंतर शिक्षण और जागरूकता अभियान चलाकर अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है।

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